Healthy Diet : खाना जो तनाव को रखे दूर
आप क्या-क्या खाते हैं? जवाब में अगर आपके पास वो नाम हैं, जो सिर्फ
स्वाद देते हैं तो आपको एक बड़े बदलाव की जरुरत है। जरुरत इस बात की है कि
आप खाने को पेट भरने के लिए नहीं बल्कि पोषण के लिए इस्तेमाल करें। इतना ही
नहीं वो खाना खाएं, जो शारीरिक के साथ मानसिक पोषण भी करे।
आप सोच रहे होंगे खाने का मेंटल हेल्थ से क्या रिश्ता। रिश्ता है वो भी
मजबूत वाला। आप जो खाते हैं वो ही ये तय करता है कि आपका दिमाग कैसे और
कितना काम करेगा। इसलिए जरूरी है कि मेंटल और फिजिकल दोनों हेल्थ को फायदा
पहुंचाने वाले फूड को ही अपनी थाली के लिए चुना जाए।
मेंटल हेल्थ को दुरुस्त रखना है तो मीठे को भी बाय कहना होगा। ऐसी
ड्रिंक का इंटेक कम करना होगा, जो मीठी हैं। साथ में ऐसी ड्रिंक का साथ भी
छोड़ दीजिए, जिनमें कैफीन होता है। कैफीन उन लोगों में पैनिक अटैक की
संभावना को बढ़ा देता है, जिनको ऐंग्जाइटी डिसऑर्डर है।
ना पीना तो जान लिया, अब क्या पीना है, ये भी जान लीजिए। आपको ड्रिंक
इंटेक में सबसे पहले पानी पर ध्यान देना होगा। आपको कम से कम 8 गिलास पानी
पीना ही है। जिसकी वजह से डिहायड्रेशन ना होने पाए।
दरअसल शोधों में पाया गया है कि डिहायड्रेशन मेंटल कांसेनट्रेशन को
बिगाड़ देता है। फिर भले ही इसकी मात्रा बहुत कम ही क्यों ना हो।
डिहायड्रेशन की वजह से होने वाली शारीरिक दिक्कतों के बारे में तो आप लोग
जानते ही हैं। जैसे पानी की कमी यानी डिहायड्रेशन की वजह से यूरीन का रंग
बदल जाता है या यूरीन जरूरत से कम होता है
नाश्ता ना भूलना
नाश्ता आपको कई तरह से फायदा पहुंचाए, इसके लिए आपको एक सबसे बड़े नियम
का ध्यान रखना है। कुछ भी हो जाए पर नाश्ता करना जरूर है। इसके बिना मान
लीजिए आपके शरीर को ईंधन ही नहीं मिल पाएगा। ये दिनभर का ऐसा आहार है, जो
आपके दिमाग को भी हेल्दी रखता है।
ये आपके मेटाबॉलिज्म को परफेक्टली काम करने की एक अच्छी शुरुआत देता है।
नाश्ता ना करने से थकान भी हो सकती है, बाकी ढेरों दिक्कतें होंगी वो अलग।
कोशिश करें कि नाश्ता बहुत हेल्दी हो।
पोहा, उपमा, फल, दूध और दही जैसे हेल्दी खाने आपके नाश्ते को बेहतर बना
सकते हैं। अनसेचुरेटेड फैट जैसे ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल भी यही काम करेगा।
शोधों में माना गया है कि जो लोग ऐसी डाइट लेते हैं, उनमें ऐसा ना करने
वालों के मुकाबले डिप्रेशन की संभावना 30 प्रतिशत तक कम होती है।
दिमाग का पोषण करता विटामिन डी
ऐसे बहुत सारे विकल्प हैं, जिससे दिमाग और शरीर दोनों को बहुत सारा पोषण
मिल जाता है। विटामिन डी इन्हीं में से एक है। ये एक ऐसा पोषक तत्व है, जो
डिप्रेशन यानि मानसिक दिक्कतों को कम करने में सहायक है।
मनोविशेषज्ञों ने पाया है कि विटामिन डी जिन लोगों में कम होता है,
उनमें डिप्रेशन ज्यादा पाया जाता है। जबकि इसकी जरुरतभर भर मात्रा लेने
वाले लोगों में डिप्रेशन कम होता है। शोधों में ये भी माना गया है कि एक
खास तरह का डिसऑर्डर भी इसके सेवन से ठीक हो जाता है। ये डिसऑर्डर सर्दियों
में रहता है, जबकि गर्मी में ठीक होने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि
गर्मी में सूरज तेज किरणों के साथ दिखता है, जो विटामिन डी का अहम स्रोत
है।
सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर के गर्मी के मौसम में ठीक होने के काफी उदाहरण
देखे गए हैं। विटामिन डी शारीरिक तौर पर भी फायदा पहुंचाता है। ये शरीर के
लिए कैल्शियम ओब्जर्व करने का काम भी करता है। जिसकी वजह से हड्डियां और
दांत मजबूत होते हैं।
कुछ खाने ऐसे भी हैं जिनमें नेचुरली ही विटामिन डी मौजूद होता है।
प्राकृतिक तौर पर सबसे ज्यादा विटामिन डी सलमन फिश में पाया जाता है। इसके
अलावा दूध और संतरे के जूस में भी विटामिन डी खूब मौजूद होता है।
मूड लिफ्ट करता ओमेगा 3
बहुत सारी स्टडी में पाया गया है कि ओमेगा 3 फैटी एसिड अवसाद के इलाज के
लिये कारगर है। इसको मूड लिफ्टिंग के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। फायदे
सिर्फ इतने नहीं हैं, बल्कि ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन डिप्रेशन के इलाज
को भी ज्यादा प्रभावी बनाता है।
इससे जुड़े फायदे सिर्फ मानसिक दिक्कतों पर आकर नहीं रुकते हैं, बल्कि ये
शारीरिक तौर पर भी खूब फायदा पहुंचाता है। अस्थमा और गठिया को भी सुधार
सकता है। इसके फायदे दिल की दिक्कतों में भी मिलते हैं। इन दिक्कतों को कम
करने में ओमेगा 3 फैटी एसिड कारगर माना जाता है।
इतना ही नहीं कई बार ये कुछ कैंसर के इलाज में भी कारगर साबित हुआ है।
ओमेगा 3 फैटी एसिड सबसे ज्यादा मछलियों में पाया जाता है। खासतौर पर सलमन,
ट्राउट आदि में इसकी मात्रा अच्छी होती है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन हफ्ते में दो बार इन मछलियों को खाने की सलाह भी
देता है। सिर्फ मछली ही नहीं इस एसिड के स्त्रोत और भी कई हैं, जैसे
अखरोट, अलसी के बीज, ऑलिव ऑयल और गाढ़े हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां भी
ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी पूरी करती हैं।
आसान शब्दों में कहें तो दिमाग
को सुचारू रूप से काम करने में ओमेगा-3 फैटी एसिड मदद करता है। इसके लिए
डाइट में अलसी के बीज, सोयाबीन तेल, नट्स, फैटी फिश, पत्तेदार हरी सब्जियां
जरूर शामिल करें। अपनी डाइट में एंटीऑक्सिडेंट्स और गुड कार्ब्स युक्त
चीज़ों को जरूर जोड़ें। विटामिन-ए, सी और इ में एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते
हैं।
मेंटल हेल्थ से जुड़ी हुई किसी भी प्रकार की समस्या से बचे रहने के लिए आपको ब्रेन बूस्टर फूड्स
का सेवन करना चाहिए। इन फूड्स में नट्स, डार्क चॉकलेट, पंपकिन सीड्स,
ब्रोकली, हल्दी, ब्लूबेरी, फैटी फिश जैसे खाद्य पदार्थ शामिल हैं। इनका आप
नियमित रूप से सेवन कर सकते हैं जो आपकी मेंटल हेल्थ को दुरुस्त रखने में
काफी मदद प्रदान करेंगे.
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